Tere Khayal Se Khud Ko Chhupa Ke Dekha Hai,
Dil-o-Najar Ko Rula-Rula Ke Dekha Hai,
तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है,
दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है,
दोस्तों एक समय की बात है कि एक जंगल में चार बैल रहते थे उन चारों बैलों में आपस में एक दूसरे के प्रति गहरी दोस्ती थी इसलिए हर कोई उनसे भयभीत रहता था इसीलिए उन चारों को एक साथ देखकर सभी हिंसक जानवर भी उन पर हमला नहीं करते थे।
संदीप माहेश्वरी अपनी सफलता का श्रेय अपनी असफलता को देते हैं जो उन्हे इस मुकाम में पहुँचने में मदद की, संदीप सर युवाओ को मोटिवेट करने का भी काम करते हैं और कई सारे सेमिनारों के माध्यम से युवाओ को मोटवैशन देते रहते हैं लेकीन इन सेमिनारों को सबसे अच्छी बात यह होती है कि ये सेमीनार बिल्कुल मुफ़्त होते हैं और इन सेमिनारों के विडिओ यूट्यूब पर भी अपलोड किये जाते हैं जिनसे जो लोग सेमिनारों में पहुँच सकते हैं वो भी इन सेमिनारों का फायदा प्राप्त कर सके।