अभी आँखों की शमाएं जल रही हैं प्यार जिंदा है,
अभी मायूस मत होना अभी बीमार ज़िंदा है,
हजारों जख्म खाकर भी मैं दुश्मन के मुक़ाबिल हूँ,
खुदा का शुक्र अब तक दिल-ए-खुद्दार जिंदा है।
कुछ भी बुरा भला बोलने से पहले हमें ये याद रखना चाहिए की हमारे बोले गये शब्द दुबारा वापस नहीं आ सकते हैं, इसलिए आप चाहे तो उस व्यक्ति से माफी जरूर मांग लेनी चाहिए।
जो जैसा है उसे वैसा ही स्वीकार करना चाहिए केवल किसी की अच्छाई की तरफ नहीं देखना चाहिए और जब आप ऐसा करेंगे तो फूटा हुआ घड़ा भी एक अच्छे घड़े से कीमती घड़ा बन जाएगा|