Chanakya niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार शत्रु को पराजित करने के लिए इन बातों को रखे ध्यान

Chanakya niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार शत्रु को पराजित करने के लिए इन बातों को रखे ध्यान

Chanakya niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार शत्रु को पराजित करने के लिए इन बातों को रखे ध्यान-

दोस्तों आचार्य चाणक्य को हम सभी लोग जानते हैं,चाणक्य को हमलोग विष्णु गुप्त कौटिल्य आदि नामों से जानते हैं। चाणक्य बहुत ही कुशाग्र बुद्धि होने के साथ अलग-अलग विषयों पर गहन जानकारी रखते थे, उन्हे अर्थशास्त्र का बड़ा ही विद्वान कहा जाता है, आचार्य चाणक्य के जीवन में कई सारी मुसीबतें आई लेकिन इन्होंने उनका डटकर सामना किया है और मुसीबतों को परास्त करके जीवन के रास्ते पर हमेशा आगे बढ़े रहें। आचार्य चाणक्य ने अपनी बुद्धिमानी से नन्द वंश के राजा घनानन्द को चन्द्रगुप्त के हाथों परास्त किया और इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा लिया, चाणक्य ने चन्द्रगुप्त को राजा बनाने में अहम भूमिका निभाई। 


चाणक्य नीति में लिखी हुई नीतियों को आज भी लोग अपने जीवन में अपनाते हैं क्योंकि आचार्य चाणक्य ने जीवन के हर पहलू के बारे में विस्तार से अपनी चाणक्य नीति में लिखा है जिसका पालन जो भी व्यक्ति करता है उसे कभी भी मुसीबतों का सामना नहीं करना पड़ता है। आज हम आपको चाणक्य नीति के अनुसार कुछ बातों के बारे मे बताने जा रहे हैं जिनका यदि ध्यान में रखा जाए तो किसी भी शत्रु को पराजित करने मे आसानी होती है तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

यह भी देखें-Chanakya Niti in hindi: आचार्य चाणक्य के अनुसार जल्द सुधार ले आदतें, वरना हो जायेंगे बर्बाद

1.कभी शत्रु को कमजोर ना माने-
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हमें कभी भी अपने शत्रु को कमजोर नहीं मानना चाहिए, क्योंकि शत्रु को कमजोर समझने की भूल आपको यद्ध भूमि में पराजय का मुंह दिखा सकती है, क्योंकि जब आप अपने शत्रु को कमजोर समझने की भूल करते हैं तब आप लापरवाह होने लगत हैं जो आपकी सबसे बड़ी गलती साबित होती है जिससे आपका कमजोर शत्रु भी आपको पराजित कर देता है। 

 

2.शत्रु की हर गतिविधि पर रखे नजर-
चाणक्य कहते हैं हमें अपने शत्रु की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखनी चाहिये, हमें अपने शत्रु की कमजोरी और मजबूती दोनों के बारे में पता होना चाहिये। जब हम अपने शत्रु के बारें में सारी जानकारी रखते हैं तभी हम उसको पराजित करने की सही योजना बना सकते है और उसपर विजय प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि सही जानकारी होने से शत्रु को पराजित करना और भी सरल हो जाता है। 

यह भी देखें-Chanakya niti in hindi: चाणक्य के अनुसार किसी को भी ना बताये इस तरह के बातें, वरना होगा नुकसान

3.जब शत्रु आपसे ताकतवर हो-
वैसे तो जो व्यक्ति युद्ध भूमि से पीछे मुड़कर यानि पीठ दिखाकर भागता है उसको कायर की संज्ञा दी जाती है लेकिन आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि आपका शत्रु आपके ज्यादा ताकतवर है और अचानक से आप पर आक्रमण कर देता है तो ऐसी परिस्थिति में छुप जाना ही बेहतर होता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं जब आपके प्राण सुरक्षित रहते हैं तभी आप अपने शत्रु से मुकाबला कर सकते हैं, ऐसी परिस्थिति आने पर वहाँ से भाग जाना ही उचित होता है। चाणक्य जी कहते हैं हमें कभी भी अपने से शक्तिशाली शत्रु को बल से नहीं बल्कि से बुद्धि का इस्तेमाल करके परास्त करने का प्रयास करना चाहिये इससे हमें शत्रु पर विजय अवश्य मिलती है।